भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) अमेरिका पहुंचे हैं। वह अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में हिस्सा लेंगे। साथ ही 27 सितंबर को महाधिवेशन को संबोधित करेंगे। इसी बीच उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (US Secretary of State Marco Rubio) से मुलाकात की है। दोनों नेताओं की मुलाकात न्यूयॉर्क में हुई है। दोनों नेता ऐसे समय में मिल रहे हैं जब टैरिफ और वीजा के मसलों पर दोनों देशों में तनातनी जारी है।
50 फीसदी टैरिफ के बाद पहली बार मुलाकात
अमेरिकी प्रशासन की ओर से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद रूबियो और जयशंकर के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात है। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘न्यूयॉर्क में मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत में वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे शामिल रहे। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर सहयोग के महत्व पर सहमति बनी। हम संपर्क में बने रहेंगे।’ यह बैठक भारत-अमरीका संबंधों को मजबूत करने के निरंतर प्रयास का हिस्सा है, जो हाल के महीनों में तनावपूर्ण हो गए थे, लेकिन अब सुधार के संकेत दे रहे हैं।
यह खबर भारत-अमेरिका संबंधों के संदर्भ में अहम है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की यह मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है—
प्रसंग: हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। इसके अलावा H-1B वीज़ा और अन्य इमिग्रेशन पॉलिसी भी विवाद का विषय बने हुए हैं।


मुलाकात का महत्व:
यह टैरिफ विवाद के बाद पहली उच्चस्तरीय आमने-सामने की बातचीत है।
बातचीत में द्विपक्षीय मुद्दे (ट्रेड, वीज़ा, निवेश) और अंतरराष्ट्रीय विषय (जैसे इंडो-पैसिफिक, सुरक्षा, वैश्विक सप्लाई चेन) शामिल रहे।
दोनों नेताओं ने लगातार सहयोग और प्राथमिक क्षेत्रों में प्रगति की आवश्यकता पर सहमति जताई।
संदेश: जयशंकर का पोस्ट इस ओर इशारा करता है कि बातचीत सकारात्मक रही और दोनों पक्ष मतभेदों के बावजूद संवाद जारी रखना चाहते हैं।
परिणाम: यह मुलाकात संकेत देती है कि हाल के तनावों के बाद भी दोनों देश रिश्तों को बिगड़ने नहीं देना चाहते और सुधार की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं




